हल्दी पानी पीने के फायदे ,पूरी जानकारी के लिए फोटो पर किल्क करें

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हल्‍दी का प्रयोग लगभग सभी प्रकार के खाने में किया जाता है। यह व्यंजनों के स्वाद में तो इजाफा करती ही है साथ ही इसमें अनेक औषधीय गुण भी होते हैं। यह गर्म और रूखी होती है। त्वचा, पेट और शरीर की कई बीमारियों में हल्दी का प्रयोग किया जाता है। गुणकारी हल्‍दी के अलग-अलग लाभ उठाने के लिए आपको किसी वैद्य या विशेषज्ञ की शरण में जाने की जरूरत नहीं है। ,,,,अपने घर पर ही छोटे-छोटे प्रयोग कर इसके अलग-अलग लाभ उठाए जा सकते हैं। वैसे तो आमतौर पर देखा गया है कि लोग उठते ही गर्म पानी या फिर निम्बू पानी का सेवन करते है जिससे कि उनका पेट साफ़ हो और खुल कर शरीर की गंदगी बाहर निकल जाए वैसे तो ये है ही फायदेमंद, मगर यदि इसमें थोड़ी सी हल्दी यदि मिक्स कर दी जाए तो इसके गुणों में भारी इजाफा हो जाता है तो फिर देर किस बात की कल से ही शुरू करे ये हल्दी वाला पानी तो आइये जानते है हम इसे कैसे बनायेगे।,,,,,भारत में घर-घर में नींबू पानी पीने-पिलाने का चलन है. नींबू पानी न केवल शरीर के विषाक्त पदार्थ को दूर करके, शरीर को साफ करने में मददगार है बल्क‍ि इसके और भी कई फायदे हैं। नींबू पानी यूं तो कभी भी ले सकते हैं लेकिन सुबह उठकर नींबू और हल्दी पानी पीना खासतौर पर फायदेमंद होता है. ये एक ऐसा पेय है जिस पर आप आंख बंदकर भरोसा कर सकते हैं।,,,हल्दी वाला पानी बनाने का तरीका ,,,,एक गिलास हल्का गुन-गुना पानी में आप आधा नीबू निचोड़ कर उसमे चौथाई चम्मच हल्दी मिला कर चला कर मिक्स कर ले फिर उसमे आधा या फिर पूरा एक चम्मच अपनी आवश्यकता अनुसार शहद मिला ले – और इसका सेवन करे।

हल्दी पानी पीने के फायदे | Benefits Of Drink Turmeric Water,,,एक गिलास गुनगुने पानी में एक नीम्बू निचोड़कर उसमें एक चुटकी हल्दी मिला लें और इसे सुबह खाली पेट पीएं। ऐसा करने से पेट में गैस बनने की समस्या दूर होती है और एसिडिटी, बदहजमी, फूड पॉइजनिंग, कब्ज आदि बीमारी से भी छुटकारा मिलता है जिससे सुबह पेट पानी की तरह साफ़ होगा।,,,आपको पता है कि हल्दी एक ताकतवर एंटी-आक्सीडेंट भी है एंटी-कैंसर के गुणों से भरपूर है ये-इसमें करक्यूमिन होने के कारण कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं से भी लडती है,,,,क्या आप जानते है कि हल्दी का सेवन रोज करने से पित्त जादा बनता है जिससे हमारे खाने को पचाने की छमता विकसित हो जाती है लेकिन अधिक मात्रा किसी भी चीज की नुकसानदायक होती है,,,शरीर में सूजन कितनी भी क्यों न हो हल्दी सूजन को कम करने में सहायक है इसमें करक्यूमिन नामक एक रसायन पाया जाता है जो दवा के रूप में काम करता है इसीलिए आपने देखा होगा किसी को भी चोट लग जाती है तो हमारे बुजुर्ग हल्दी दूध में डालकर पिलाते थे,,हल्दी दिमाग के लिए भी फायदेमंद होती है जिनको भूलने जैसी बिमारी है वो इसका सेवन करके अपनी इस बिमारी को काफी हद तक कम कर सकते है,,,जिन लोगो की खून की धमनियों में ब्लाकेज की शिकायत है उनको तो अवस्य ही हल्दी वाला पानी सेवन करना लाभदायक है क्युकि हल्दी खून को जमने से रोकता है अदरक भी खून को पतला रखती है और ब्लाकेज से बचाती है,,,जो लोग नियमित हल्दी वाला पानी उपयोग करते है उनके चेहरे व शरीर पर रैडिकल्स कम होते है इससे आपके शरीर पर उम्र का असर कम दीखता है,,,,एक रिसर्च के अनुसार हल्दी के सेवन से ग्लूकोज का लेबल कम हो सकता है अर्थात डायबिटीज (मधुमेह) का खतरा टाला जा सकता है

चेहरे की झांइयां : 10-10 ग्राम हल्दी और तिल को पीसकर पानी में मिलाकर रात को सोते समय चेहरे पर लगाएं और सुबह गर्म पानी से धो लें। इससे चेहरा चमक उठता है।,,टांसिल का बढ़ना : 2 चुटकी पिसी हुई हल्दी, आधी चुटकी पिसी हुई कालीमिर्च और 1 चम्मच अदरक के रस को मिलाकर आग पर गर्म कर लें और फिर शहद में मिलाकर रात को सोते समय पीने से 2 ही दिन में टांसिल की सूजन दूर हो जाती है।,,,शरीर को शक्तिशाली बनाना : लगभग 500 ग्राम की मात्रा में हल्दी की गांठे और एक किलो बुझा हुआ चूना लेकर इसको एक मिट्टी के बर्तन में डालकर इसमें ऊपर से 2 लीटर पानी डालें। पानी डालते ही चूना पकने लगता है और जब यह ठण्डा हो जाए तो बर्तन को ढककर रख दें। इसके बाद 2 महीने बाद हल्दी की गांठों को निकालकर पीसकर चूर्ण बना लें। हल्दी की गांठों के चूर्ण को 3 ग्राम की मात्रा में लेकर 10 ग्राम शहद के साथ मिलाकर लगातार 4 महीने तक रोजाना खाने से शरीर का खून साफ हो जाता है और इससे शरीर में भरपूर ताकत आती है।,,चोट लगने पर : चोट लगने पर एक चम्मच हल्दी गर्म दूध के साथ पीने से दर्द और सूजन दूर हो जाती है। चोट लगी जगह पर हल्दी को पानी में मिलाकर उसका लेप लगाएं और अगर चोट ज्यादा गहरा हो तो उसमें हल्दी भर दें इससे चोट जल्द भर जाएगी। आंख में चोट लगने पर भी हल्दी को खाया जा सकता है। घी, आधा चम्मच सेंधानमक, थोड़ा-सा पानी मिलाकर हलुवा सा बनाकर चोट पर रखकर बांधें। आधा लीटर उबलते हुए गर्म पानी में आधा चम्मच सेंधानमक डालकर हिलाएं फिर इसमें एक चम्मच हल्दी डालें और बर्तन को उतारकर रख दें जब पानी सेक करने लायक हो जाये तो कपड़ा भिगोकर चोट वाले अंग पर इससें सेंक करें। इससे दर्द में आराम मलेगा।,,,,हड्डी के टूटने पर : हड्डी के टूटने पर रोज हल्दी का सेवन करने से लाभ मिलता है। एक प्याज को पीसकर एक चम्मच हल्दी मिलाकर कपड़े में बांध लें। इसे तिल के तेल में रखकर गर्म करें और इससे फिर सेंक करें। कुछ देर सेंकने के बाद पोटली खोलकर दर्द वाले स्थान पर बांध दें।,,दांत दर्द : हल्दी, नमक और सरसों का तेल मिलाकर रोज मंजन करें। इससे दांत मजबूत बनेंगे।,,गठिया : गठिया के रोग में हल्दी के लड्डू खाने से लाभ होता है।

खुजली : शरीर के पीले रंग के दाने जिसमें मवाद भरी हो और उनमें खुजली हो तो, एक चम्मच हल्दी, एक कप गर्म दूध, चौथाई चम्मच देशी घी, स्वाद के लिए शक्कर डालकर सुबह शाम पियें।,,,,चेचक : हल्दी और इमली के बीज समान मात्रा में पीसकर चुटकी भर प्रतिदिन 7 दिनों तक लेने से माता (चेचक) नहीं निकलती है। चेचक के निकलने पर इमली के बीज का चूर्ण हल्दी में मिलाकर लेने से चेचक जल्द ही ठीक हो जाता है। चेचक के दानों में अगर घाव हो जाये तो पान के कत्थे को हल्दी के संग सूखा ही छिड़के तो वह ठीक हो जायेगा।,सौन्दर्यवर्धक : पिसी हुई हल्दी, चंदन का बुरादा, पिसे हुए हरे नीम के पत्ते प्रत्येक 2-2 चम्मच में लेकर मिला लें और चेहरे पर मलें। इससे चेहरा चमक उठेगा और इस प्रयोग से चेहरे के कील मुंहासें, दाग-धब्बे दूर हो जाएंगे। कुछ हफ्ते लगातार इसे मलने से चेहरे का रंग भी साफ हो जाता है।,,,आंखों के रोग : हल्दी को अरहर की दाल में पकायें और छाया में सुखा लें उसे पानी में घिसकर, शाम होने से पहले ही दिन में दो बार जरूर लगायें इससे झामर रोग, सफेद फूली और आंखों की लालिमा में लाभ होता है।,,,पथरी : हल्दी और पुराना गुड़ छाछ में मिलाकर सेवन करने से पथरी नष्ट हो जाती है।,,,,मस्से : हल्दी की गांठ को अरहर की दाल में पकायें फिर छाया में सुखाकर, गाय के घी में पीसकर (मस्सों) पर उसका लेप करें, इससे मस्से तुरन्त नर्म हो जाते हैं और दर्द दूर होता है।,,,बालों का आकर्षक : कच्ची हल्दी में चुकन्दर के पत्तों का रस मिलाकर सिर में लगायें इससे बाल नहीं गिरते और नये बाल भी उगते हैं। बाल सुन्दर और आकर्षक भी बन जाते हैं।,,,,दीर्घायु : हल्दी का सेवन नियमित रूप से करने से वृद्धावस्था में देर में आती है और लंबी आयु प्राप्त होती है।,,,,,,,श्वास, दमा रोग : हल्दी को पीसकर इसका चूर्ण बना लें और इस चूर्ण को तवे पर भूनकर शीशी में बंद करके रखें। इस चूर्ण को 5 ग्राम की मात्रा में हल्के गर्म जल के साथ प्रतिदिन सेवन करने से अस्थमा (दमा) के रोगी को बहुत लाभ मिलता है।

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